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सरकार क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स के दायरे में लाने के लिए आयकर कानूनों में बदलाव करने पर विचार कर रही है। अगले साल बजट में ये बदलाव किए जा सकते हैं। रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने ये जानकारी दी।
बजाज ने कहा, 'कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कैपिटल गेन टैक्स दे रहे हैं। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के संबंध में भी कानून 'बहुत स्पष्ट' है। हालांकि, अब क्रिप्टो का व्यापार काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में हम देखेंगे की क्या कानून में कोई बदलाव लाया जा सकता है या नहीं। ये सब आने वाले बजट में ही होगा।'
क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स
यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का प्रावधान लाया जा सकता है? बजाज ने कहा, 'अगर हम नया कानून लेकर आते हैं तो देखेंगे कि क्या करना है। लेकिन हां, अगर आप पैसा कमाते हैं तो आपको टैक्स देना होगा।'
अन्य सर्विसेज की तरह क्रिप्टो पर भी GST लगेगा
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर GST रेट को लेकर बजाज ने कहा कि GST के दायरे का काफी विस्तार हो चुका है। ट्रेडिंग से जुड़ी तमाम सर्विसेज पर अभी GST की दरें तय हैं और यह पूरी तरह साफ है। ऐसे में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर GST की बात करें तो अगर कोई बीच में ब्रोकर का काम करता है और वह ब्रोकरेज चार्ज वसूलता है तो उस सर्विस पर GST लगेगा।
शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो पर बिल
सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल पेश कर सकती है। वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे।
क्रिप्टोकरेंसी से फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंता
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चितांओं के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया था। दास ने SBI कॉन्क्लेव में कहा था, 'जब RBI ये कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी से मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहन चर्चा की जरूरत है।'
#cryptosahil
बजाज ने कहा, 'कुछ लोग पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली आय पर कैपिटल गेन टैक्स दे रहे हैं। गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के संबंध में भी कानून 'बहुत स्पष्ट' है। हालांकि, अब क्रिप्टो का व्यापार काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में हम देखेंगे की क्या कानून में कोई बदलाव लाया जा सकता है या नहीं। ये सब आने वाले बजट में ही होगा।'
क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स
यह पूछे जाने पर कि क्या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए TCS (टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स) का प्रावधान लाया जा सकता है? बजाज ने कहा, 'अगर हम नया कानून लेकर आते हैं तो देखेंगे कि क्या करना है। लेकिन हां, अगर आप पैसा कमाते हैं तो आपको टैक्स देना होगा।'
अन्य सर्विसेज की तरह क्रिप्टो पर भी GST लगेगा
क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर GST रेट को लेकर बजाज ने कहा कि GST के दायरे का काफी विस्तार हो चुका है। ट्रेडिंग से जुड़ी तमाम सर्विसेज पर अभी GST की दरें तय हैं और यह पूरी तरह साफ है। ऐसे में क्रिप्टो ट्रेडिंग पर GST की बात करें तो अगर कोई बीच में ब्रोकर का काम करता है और वह ब्रोकरेज चार्ज वसूलता है तो उस सर्विस पर GST लगेगा।
शीतकालीन सत्र में सरकार क्रिप्टो पर बिल
सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी पर एक बिल पेश कर सकती है। वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे।
क्रिप्टोकरेंसी से फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंता
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर चितांओं के बीच रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया था। दास ने SBI कॉन्क्लेव में कहा था, 'जब RBI ये कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी से मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहन चर्चा की जरूरत है।'
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