Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️
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Est. 31May,2022
!! सब अधूरा ही रह गया
ख़्वाब, ख्वाहिश, और वो सपने !!

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# अनुभव_4

आशा है कि आप सभी लोगों ने मेरे द्वारा लिखित उपर्युक्त 3 अनुभवों को पढ़ा होगा, यदि आपने नहीं पढ़ा है तो आप उसे ऊपर में पढ़ सकते हैं ।

आज बात करते हैं, एकांत की..!! वह एकांत जो केवल आभास किया जा सकता है, वह एकांत जिसके द्वारा आप "स्वयं" को तलाश के सकते हैं । क्या कभी सोचा है कि इस दुनिया के भागमबाग में किसी समय आपने खुद को समय दिया है ? या स्वयं का अल्पकालिक निरीक्षण किया है ? आप लोगों में से अधिकांशतः लोगों का उत्तर नकारात्मक में आएगा और ये स्वाभाविक है । लेकिन जहां तक मेरा अनुभव है तो मैं बस यही कहना चाहूंगा :

"जो जितना समझता गया दुनिया को
वह उतना ही एकांत होते चला गया..!!"

बात गहरी और स्वप्रमाणित है यदि मेरे पर विश्वास नहीं होगा तो कभी खुद आभास करके देख लेना। वे जवाब तुम्हें मिलेंगे जिनके उत्तर को तलाशने के लिए तुमने न जाने कितने दिन सोच की उधेड़बुन में बिताए होंगे, वो कई प्रश्न भी जन्म लेंगे, जिनसे तुम्हारा संबद्ध है । एकांत एक अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, और ये वरदान है स्वयं को प्राप्त करने के लिए ।

मेरे भाई, यकीन मानो कभी भी किसी व्यक्ति ने आपका दिल दुखाया हो या फिर इस संसार में आपको किसी भी प्रकार की कष्ट मिली हो आप बस एक बार खुद को एकांत के उस वातावरण में समर्पित करना और उसकी शक्तियों को महसूस करना, अगर तुम्हारे अंदर एक सकारात्मकता न नजर आई तो फिर कहना । आमतौर पर लोगों के अंदर ऐसा कृत्य करने के पश्चात एक नकारात्मक प्रारूप मस्तिष्क में निर्मित हो जाता है लेकिन उसी चीज को सकारात्मक रूप में लेकर स्वयं को सिद्ध करना वो भी उन लोगों के सामने जो तुम्हें तिरस्कृत किए थे, उसका आनंद ही कुछ और होता है..!!

इसीलिए मैं कहना चाहता हूँ, एक बार एकांत के शरण में जाओ और उसके बाद तुम वैसे नहीं रहोगे जैसे पहले थे तुम्हारे स्वभाव में परिवर्तन आने लगेगा, तुम शांत और गंभीर दिखोगे । तुम्हें ये दुनिया माया के रूप में दिखाई देगी, तुम्हारा परिचय आस्तिकता के उस महान शक्ति से होगा जिसमें अहंकार का विनाश और स्वयं का निर्माण होगा..!!
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"haal puchane mat aana
ghaw bhar gaye hai.

rishton ki duhaai mat dena
jazbaat mar gaye hai.

nahi rukti zindagi
ab kisi ke jane se.

jo chale gaye zindagi se
wo dil se bhi utar gaye hai ..!!🙂👍🏻
🔥5👏1
यादों का सफर

वो चाँद भी देखता होगा हमें अधूरा,
जब तुम्हारी यादों से, ये दिल होता है पूरा।
हवाएँ जब चलती हैं, लिए खुशबू तुम्हारी,
लगता है जैसे, तुम हो पास हमारी।

कभी आँखों में नमी सी, जब याद तुम्हारी आती,
पर फिर मुस्कुरा देता हूँ, जब तस्वीर ठहर जाती।
वो लंबी रातें, वो सुबह का इंतज़ार,
हर पल है मुश्किल, फिर भी ज़िंदा है प्यार।💔
💔3
# अनुभव_5

तो मेरे काशी में निवास के दिन आज समाप्त हो गए, मन में उम्मीदों की अलख जगाए हुए मुझे आज भी याद है जब मैं, बनारस गया था और मेरे जीवन के बहुत कीमती क्षण वहां बीते । एक प्रकार से अंग्रेजी में कहें तो मैंने अपना "प्राइम टाइम" वहां व्यतीत किया । वो अस्सी घाट की शामें, वो मणिकर्णिका घाट की रातें यूं ही नहीं बार बार बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार जाना, काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन और माता अन्नपूर्णा देवी के मंदिर में भोजन का प्रसाद ग्रहण करना । ये अब भक्ति उन्माद रूपी ठिठोलियां न जाने अब कब जीवन में नसीब हों ।

बनारस ने मुझे जीना सिखाया, आज जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो मानो, महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई काशी मुझे पुकार रही हो कि, "अभी इतना जल्दी तो तू मेरी शरण में आया था, अब अभागा बनकर यहां से जा रहा है ? क्या तू भूल गया जब भी तू तनाव की स्थिति में होता था तो मेरे घाटों की गोद में दिन भर बैठा करता था, वो मैं ही हूँ जो तुझमें नास्तिकता से आस्तिकता का संचार किया"..!!
मेरे भी समझ में आगया कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है जिसे जिस शहर ने खुद बनाया वो आज उसी को छोड़ कर जा रहा है । ऐसा लगता है कि शरीर तो आगया लेकिन, आत्मा अभी भी काशी में रह गई है । और मानो, सांसों का हर कण स्वयं में उच्छृंखल होते हुए महादेव के इस शहर को पुकारते हुए केवल एक ही रट लगाए हुए कह रहा हो, "ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव" ❤️🔱
5🫡1
❤️‍🩹
5
Subah ka har pal khushiyon se bhara ho,
Dil se dua hai tumhara din pyara ho.
Muskurahat mile har mod pe tumhe,
Chaand se roshan tumhara savera ho. ☀️🤍
3
Subah ki kirnein laaye khushiyo ka paigam,
Chidiyaon ki chahchahat ho jaise ek meetha raag.
Nayi subah, nayi umeedein, nayi baat ho,
Aaj ka har pal tumhare liye khaas ho. 🌼
🔥1
# अनुभव_6

"कोई भी शहर कितना भी खूबसूरत हो, लेकिन वह बनारस नहीं हो सकता", यूं तो मैंने कई शहरों में अपने जीवन के बहुत से क्षण गुजारे, उसमें मेरा बनारस में प्रवास 3 सालों से भी अधिक का रहा । और बनारस ने मुझे वो सब कुछ दिया और सिखाया जो किसी एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यहां गंगा सी शीतलता है तो घाटों के पास बैठने पर शांति, मणिकर्णिका के पास मोक्ष है तो वहीं काशी विश्वनाथ धाम में महादेव की भक्ति..!!

काशी किसी को नहीं छोड़ती, भले से आप काशी को छोड़ दें । ये एक ऐसा शहर है जो हर किसी को अपने में आत्मसात् कर लेता है । एक रिक्शेवाला के काहो गुरु से लेकर, सड़क किनारे यातायात में फंसे लोगों का बनारसिया अंदाज में वो अल्हड़पन बहस..!! वैसे तो अब समय एक जैसा नहीं रहता, लेकिन जिस प्रकार किसी प्रियतम से उसकी प्रेयसी छीन ली जाती है वैसे ही इसे मेरा दुर्भाग्य कहूं कि मेरे से "काशी प्रवास" छीन लिया गया है । खैर, ईश्वर और बाबा काशी विश्वनाथ की कृपा, बाबा जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे..!! नहीं तो देश की राजधानी में बस जाने के बाद भी वो सुकून नहीं, यहां की हवाओं में वो फ़िज़ा नहीं है जो काशी की आबोहवा में है। वहां के हवा का एक - एक कण खुद में महादेव को पुकारता है, अगर विश्वास न हो तो किसी दिन अपनी रातों को काशी के उन घाटों पर गुजार कर देखना, काशी के 84 घाट गवाही देते हैं कि न जाने कितने लोगों के जीवन को उन्होंने स्वयं में तारते हुए देखा है । ऐसे ही नहीं हमारी काशी महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई है..!!

"काश, महादेव से यही आकांक्षा है कि कम से कम कर्मभूमि के रूप में मुझे स्वयं में काशी के अंतर्गत समाहित कर लें, क्योंकि, हर शहर बनारस जैसा खूबसूरत नहीं होता..!!"
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Kashi Teaches :

Let it End, Let it Hurt, Let it Heal..!! ❤️
Nobody Forced me to Follow Shiv,

He literally Came & Save me.!! ❤️😭
My Biggest Flex is that
Nobody ever knows that what's really going on in my life.
Where I am, who I am with, or my next move, Unless I make it own.
Therefore Anything anyone says is just an assumption.


"Privacy is My Luxury, Privacy is my Peace...!!"
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"Mumma , mere socks kaha hainn?? I'm getting late..." I screamed .

Silence .....

Moments later, the hostel walls laughed at me ..❤️‍🩹🏡
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Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️
Bholi si tu, sabse pyari si teri muskurahat, Meethi baaton mein chhupa hai tera masoom sa jazbaat. Khoobsurati sirf chehre pe nahi, dil mein basa hai noor tera, Humble aur caring, har dukh mein banti hai sahara mera. Thodi gadhi hai tu, bina wajah hi hans…
Bina kahe tu sab kuch keh deti hai,
Chhoti chhoti baaton mein apna pyaar jata deti hai.

Jab main thak jaata hoon duniya ke shor se,
Teri ek call sab kuch halka kar deti hai zor se.

Tu na ho toh sab kuch suna suna lagta hai,
Aur tu ho toh har pal apna sa lagta hai.

Tere har mood ka ek alag hi rang hota hai,
Kabhi childish, kabhi mature — par har waqt sachcha hota hai.

Kabhi attitude se bhari, toh kabhi ekdum seedhi,
Par dil se hamesha sabse zyada apni lagti hai.

Tu un logon mein se hai jinke saath waqt ka pata nahi chalta,
Aur jaise hi jaati hai, sab kuch thoda khaali sa lagta.

Tu sirf dost nahi, ek aadat ban chuki hai,
Har roz tujhe sunna, tujhe samajhna zarurat ban chuki hai.

Tere saath har baat simple si lagti hai,
Aur tujh se baat na ho toh har cheez mushkil si lagti hai.

Tu bewakoof si hansi mein bhi apna pyaar chhupa leti hai,
Aur jab dukhi hoti hai, toh khud ko akela kar leti hai.

Main kabhi samjha nahi paaya tu kis mod pe thak jaati hai,
Par har baar tujhe wapas hansata dekh ke sukoon aa jaata hai.

Agar kabhi duniya tujhe samajhne mein fail ho jaaye,
Toh yaad rakhna, ek banda hai jo bina kahe tujhe har baar samajh jaaye.




Dedicated to someone special in my life 🫠
Dedicated to my janemannnnnnn janejigar ❤️🫠


By:- @bhargav0207🦋
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miloge kya?

ke iss tarah jo bichde ho tum,
wapas miloge kya?
jo baat kehni reh gayi thi,
use sunoge kya?
jo badal gaya hai hamare bich,
sahi karoge kya?
khatam hogaya tha sab,
fir mohabbat karoge kya?
bharosa nahi hai ab kisi pe,
bharosa dila paoge kya?
sab chod kar chale jate h mujhe,
sab chod kar mere pass aaoge kya?
ek baar or milna hai tumse,
wapas miloge kya?❤️‍🩹
💔41
# अनुभव_7

कभी कभी जीवन में लगता है कि, हम इतने अच्छे कैसे हो सकते हैं कि दूसरा कोई हमें आकर कुछ भी बोल दे और हम शांति से सब कुछ सुन लें । क्या इतना सहनशील होना पर्याप्त है ? या फिर हमें अच्छे होने की सजा मिल रही है या फिर हम अपने मर्यादा से बंधे हुए हैं कि हमें उस परिवेश में ढाला गया है कि हम किसी को घूम कर जवाब नहीं दे सकते हैं ।। क्या हमें ये अधिकार नहीं है।। कैसे कोई इतना मजबूत बन सकता है कि वो पलट कर जवाब दे सके और कोई कैसे इतना क्रूर हो सकता है कि वो सामने वाले को कुछ भी बोल दे, भले से उसका संबंध उसके साथ पहले अच्छा हो लेकिन उस एक वार्तालाप के बाद, बस आपको ये आभास होता है कि यदि आप कुछ और बोलेंगे तो आपके उनसे संबंध खराब हो जाएंगे, लेकिन दूसरे तरफ वो व्यक्ति बोलता रहता है क्यों ? क्योंकि उसे तो कोई फर्क नहीं पड़ता है, पुराने संबंधों से भी नहीं।। कम से कम यदि ऐसा निष्ठुर जीवन अगर देना है तो न दें किसी को ईश्वर, मेरी यही विनती है। अगर दें तो उसे इतना मजबूत बनाकर भेजें कि वो खुद को यहां के अनुरूप ढाल सके क्योंकि ये दुनिया और ये लोग अत्यधिक क्रूर हैं, यदि आप चाहो कि आप निर्मल हृदय और सभी से प्रेम के साथ रह सको लेकिन ये दुनिया के लोग आपको रहने नहीं देंगे वैसा । आपको मानसिक रूप से तोड़ देंगे और ये वही लोग रहेंगे जिनके ऊपर तुमने एक बार अत्यधिक विश्वास किया था और तुम्हे लगता था कि वहीं सब कुछ है ।।
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# अनुभव_8

इंसान को ऐसा बनाया गया है कि वो स्वयं को इस क्रूर जीवन के अनुरूप खुद को निर्मित कर ले और केवल संतुलन अवस्था में बस चलता रहे और अपने जीवन के बाल्यावस्था, किशोरावस्था , वृद्धावस्था, के बाद एक दिन मृत्यु शैय्या पर मिले ।।
क्या यही जीवन चक्र को इसी क्रम में संचालन के लिए हमने पृथ्वी पर जन्म लिया हुआ है ? क्या हम किसी एक ऐसे अवस्था में हैं, जिसमें केवल हम लोगों के अनुरूप जीवित रहे और फिर मृत्यु को प्राप्त हो जाएं ? जीवन में इतने अत्यधिक समस्याओं के वांछनीय समाधानों के निस्तारण से यदि कोई वस्तु अशेष रह जाती है तो वो होती है, स्वयं की अभिलाषा ।।
व्यक्ति न जाने कितने विष के घूंट घूंट को पी पीकर जीवित रहता है बस क्या करने के लिए ? इस जीवन मरण चक्र को पूरा करने के लिए ? इसमें व्यक्ति को न तो मानसिक शांति मिल पाती है और न ही आध्यात्मिक..!! अर्थात् वह एक बस उस शून्य की तरह इस जीवन में अपने सुखों को तलाशता है ।। कोई कुछ भी आकर उसे कह दे उसे फर्क नहीं पड़ता है, और यदि पड़ता भी है तो वह उसे भी सह लेता है क्यों ? क्योंकि वह इतना कमजोर और टूट चुका होता है भीतर ही भीतर..!! उसे ये ज्ञात नहीं होता है कि वह केवल उन लोगों के "भोग विलास का एक माध्यम" बनकर रह गया है । यहां भोग विलास का तात्पर्य केवल शारीरिक सुख से नहीं है बल्कि उन घटनाओं से है जिससे व्यक्ति मानसिक रूप से पीड़ित हो जाता है लेकिन किसी से कुछ कहता नहीं है ।। जैसे उसे कोई कुछ कह दे तो वो पलट कर जवाब नहीं देता है, वो किसी से मजाक मस्ती भी कर ले तो लोग उसकी बारी आने पर गंभीर हो जाते हैं लेकिन जब अपनी बारी रहती है तो ऐसे हंसते हैं जैसे लगता है कि मानो सब कुछ उनके पक्ष में हो ।।
कभी समय मिले तो सोचिएगा जरूर, कि क्या हम इसी तथ्यपरक "जीवन जीने के लिए" बने हैं ..??
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One thing I learned in my life,

You can be important to someone, but not all the time..!!
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