अंधेरों ने जहां घेरा, उजाला बन निकाला है।
कदम जब लड़खड़ाए दोस्त बनकर के सम्भाला है।
सिखाया है मुझे हर पाठ जीवन का गुरु बनकर,
धरा बन गोद दी बाहों ने अम्बर तक उछाला है।
*-गुरु पूर्णिमा की शुभ कामनाएँ*😊🙏🙏
कदम जब लड़खड़ाए दोस्त बनकर के सम्भाला है।
सिखाया है मुझे हर पाठ जीवन का गुरु बनकर,
धरा बन गोद दी बाहों ने अम्बर तक उछाला है।
*-गुरु पूर्णिमा की शुभ कामनाएँ*😊🙏🙏
❤3🥰1🙏1
Har dil ka ek Raaz hota
hain👀
Har baat ka alag andaz
hota hain🙃
Jab tak na mile
bewafaai ki thokar💔
har kisi ko apni pasand
par naaz hota hain🙂❤️🩹
hain👀
Har baat ka alag andaz
hota hain🙃
Jab tak na mile
bewafaai ki thokar💔
har kisi ko apni pasand
par naaz hota hain🙂❤️🩹
❤8
"लफ़्ज़ों से कहाँ बयाँ होते हैं जज़्बात दिल के,
कुछ ख़ामोशियाँ भी मोहब्बत की गवाही देती हैं..." 💔✨
कुछ ख़ामोशियाँ भी मोहब्बत की गवाही देती हैं..." 💔✨
💔7❤1⚡1
कुछ तो चाहत होगी इन बूंदों की,
वरना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद..!!!😇
वरना कौन गिरता है जमीन पर,
आसमान तक पहुंचने के बाद..!!!😇
😢5✍3❤1
"एक रोज़ मिली मैं तुमसे तो
दिल ने चाहा कि रोज़ मिलूँ।☺️
अफ़सोस अभी मैं करती हूँ,
क्यों तुमसे मैं उस रोज़ मिली।"😌
दिल ने चाहा कि रोज़ मिलूँ।☺️
अफ़सोस अभी मैं करती हूँ,
क्यों तुमसे मैं उस रोज़ मिली।"😌
💔7✍1
तेरे दर पर आते आते मेरे महादेव, जिंदगी की शाम हो गयी।
और जिस दिन तेरा दर दिखा जिंदगी ही तेरे नाम हो गयी।❤️♥️
Har har Mahadev 🙏🙇♀🙏
और जिस दिन तेरा दर दिखा जिंदगी ही तेरे नाम हो गयी।❤️♥️
Har har Mahadev 🙏🙇♀🙏
❤6🔥1
Subah ki pyari kirno mein khushiyon ka paighaam ho,
Aapke chehre par muskurahat har shaam ho.
Dil se dua hai yeh nayi subah aapke liye,
Khushiyon se bhara har ek pal ka intezaam ho.
🤍✨
Aapke chehre par muskurahat har shaam ho.
Dil se dua hai yeh nayi subah aapke liye,
Khushiyon se bhara har ek pal ka intezaam ho.
🤍✨
❤7
हर कोई मोहब्बत में फ़ना नहीं होता ...
किसी को चाहना कोई गुनाह नहीं होता ...
वो पूछते है कि कितना चाहते हो मुझे ...
अब उन्हें कैसे समझाएँ प्यार लफ़्ज़ों में बया नहीं होता !🥺🥺
किसी को चाहना कोई गुनाह नहीं होता ...
वो पूछते है कि कितना चाहते हो मुझे ...
अब उन्हें कैसे समझाएँ प्यार लफ़्ज़ों में बया नहीं होता !🥺🥺
😢4❤3👏1
❛❛देखी दरार मैने आज आईने में,
पता नहीं शीशा टूटा था, या मैं।❜❜
पता नहीं शीशा टूटा था, या मैं।❜❜
💔9
वो बारिश में भीगना तो बस बहाना है उसका,
आँखों में आसूं उसके आखिर कौन जानता है,🥺
आँखों में आसूं उसके आखिर कौन जानता है,🥺
😢8
Kitni kahaniyan ,
kitni yaadei'n or kitne kissey hain ..
Dil to hai ek magar kitne saare iskey hisse hain.❤️🩹
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Dil to hai ek magar kitne saare iskey hisse hain.❤️🩹
💔8
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🙏3
Mohabbat sabko mil jaye zaruri toh nahi,
Woh bhi hume chahe zaruri toh nahi,
Wo ek saksh bahut yaad aata h iss dil ko,
Hum bhi unki yaad ban jaye zaruri toh nahi.😢
Woh bhi hume chahe zaruri toh nahi,
Wo ek saksh bahut yaad aata h iss dil ko,
Hum bhi unki yaad ban jaye zaruri toh nahi.😢
❤3😭2
Tu rooth gaya toh koi khushi na rahi,
Tere bina zindagi mein koi roshni na rahi.
Maaf kar de agar humse koi bhool ho gayi,
Kyuki tere bina ab yeh dhadkan bhi apni nahi rahi.
Tere bina zindagi mein koi roshni na rahi.
Maaf kar de agar humse koi bhool ho gayi,
Kyuki tere bina ab yeh dhadkan bhi apni nahi rahi.
❤5
तुम बहती गंगा की धारा सी,
मैं रुका बनारस का घाट प्रिये।
तुम अस्सी घाट के जगमग किनारे सी,
मैं बंधा तुमसा कोई नाव प्रिये।
तुम सुबहे-ए-बनारस की वो आरती,
मैं दीपक सा लहरों पर तैरता प्रिये।
तुम शीतल हवा का वो मधुर झोंका,
मैं तपते मन का कोई प्यासा प्रिये।
तुम काशी के गलियों का वो संगीत,
मैं भटकी हुई कोई तान प्रिये।
तुम दशाश्वमेध की आरती की लौ,
मैं अधूरी प्रार्थना की जान प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो गगनभेदी नाद,
मैं नंदी सा तुम्हें एकटक निहारता प्रिये।
तुम सावन का वो महिना बन,
झूम उठे मैं “हर हर महादेव” पुकारता प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो आशीष,
मैं अर्पित किया गया बेलपत्र प्रिये।
तुम घाटों की संध्या, वो स्वर्णिम छटा,
मैं लहरों में उलझा कोई चित्र प्रिये।
मैं रुका बनारस का घाट प्रिये।
तुम अस्सी घाट के जगमग किनारे सी,
मैं बंधा तुमसा कोई नाव प्रिये।
तुम सुबहे-ए-बनारस की वो आरती,
मैं दीपक सा लहरों पर तैरता प्रिये।
तुम शीतल हवा का वो मधुर झोंका,
मैं तपते मन का कोई प्यासा प्रिये।
तुम काशी के गलियों का वो संगीत,
मैं भटकी हुई कोई तान प्रिये।
तुम दशाश्वमेध की आरती की लौ,
मैं अधूरी प्रार्थना की जान प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो गगनभेदी नाद,
मैं नंदी सा तुम्हें एकटक निहारता प्रिये।
तुम सावन का वो महिना बन,
झूम उठे मैं “हर हर महादेव” पुकारता प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो आशीष,
मैं अर्पित किया गया बेलपत्र प्रिये।
तुम घाटों की संध्या, वो स्वर्णिम छटा,
मैं लहरों में उलझा कोई चित्र प्रिये।
❤8
अब समझ आ रहा है,
महादेव खुद की बनाई हुई दुनिया त्याग, इन पहाड़ों में क्यों रहते हैं..!! 🥺❤️
महादेव खुद की बनाई हुई दुनिया त्याग, इन पहाड़ों में क्यों रहते हैं..!! 🥺❤️
😭6❤3
ये झूठ है कि मोहब्बत किसी का दिल तोड़ देती हैं
इन्सान तो खुद ही टूट जाते हैं मोहब्बत करते करते💔
इन्सान तो खुद ही टूट जाते हैं मोहब्बत करते करते💔
❤2💔2
कुछ लोगों का दिल जीत लिया
आकर इस बरसात ने,
और कुछ इस सोच में डूबे हैं
की आज वो सोयेंगे कहाँ रात में ..
आकर इस बरसात ने,
और कुछ इस सोच में डूबे हैं
की आज वो सोयेंगे कहाँ रात में ..
💯4
तुम्हें नज़रंदाज करूं, मुझमें इतना गुरूर कहाँ
तुम्हें देखूं नजर भर के, मेरी आंखों में इतना नूर कहाँ...!!
तुम्हें देखूं नजर भर के, मेरी आंखों में इतना नूर कहाँ...!!
❤5🔥1