Kitni kahaniyan ,
kitni yaadei'n or kitne kissey hain ..
Dil to hai ek magar kitne saare iskey hisse hain.❤️🩹
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💔8
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🙏3
Mohabbat sabko mil jaye zaruri toh nahi,
Woh bhi hume chahe zaruri toh nahi,
Wo ek saksh bahut yaad aata h iss dil ko,
Hum bhi unki yaad ban jaye zaruri toh nahi.😢
Woh bhi hume chahe zaruri toh nahi,
Wo ek saksh bahut yaad aata h iss dil ko,
Hum bhi unki yaad ban jaye zaruri toh nahi.😢
❤3😭2
Tu rooth gaya toh koi khushi na rahi,
Tere bina zindagi mein koi roshni na rahi.
Maaf kar de agar humse koi bhool ho gayi,
Kyuki tere bina ab yeh dhadkan bhi apni nahi rahi.
Tere bina zindagi mein koi roshni na rahi.
Maaf kar de agar humse koi bhool ho gayi,
Kyuki tere bina ab yeh dhadkan bhi apni nahi rahi.
❤5
तुम बहती गंगा की धारा सी,
मैं रुका बनारस का घाट प्रिये।
तुम अस्सी घाट के जगमग किनारे सी,
मैं बंधा तुमसा कोई नाव प्रिये।
तुम सुबहे-ए-बनारस की वो आरती,
मैं दीपक सा लहरों पर तैरता प्रिये।
तुम शीतल हवा का वो मधुर झोंका,
मैं तपते मन का कोई प्यासा प्रिये।
तुम काशी के गलियों का वो संगीत,
मैं भटकी हुई कोई तान प्रिये।
तुम दशाश्वमेध की आरती की लौ,
मैं अधूरी प्रार्थना की जान प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो गगनभेदी नाद,
मैं नंदी सा तुम्हें एकटक निहारता प्रिये।
तुम सावन का वो महिना बन,
झूम उठे मैं “हर हर महादेव” पुकारता प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो आशीष,
मैं अर्पित किया गया बेलपत्र प्रिये।
तुम घाटों की संध्या, वो स्वर्णिम छटा,
मैं लहरों में उलझा कोई चित्र प्रिये।
मैं रुका बनारस का घाट प्रिये।
तुम अस्सी घाट के जगमग किनारे सी,
मैं बंधा तुमसा कोई नाव प्रिये।
तुम सुबहे-ए-बनारस की वो आरती,
मैं दीपक सा लहरों पर तैरता प्रिये।
तुम शीतल हवा का वो मधुर झोंका,
मैं तपते मन का कोई प्यासा प्रिये।
तुम काशी के गलियों का वो संगीत,
मैं भटकी हुई कोई तान प्रिये।
तुम दशाश्वमेध की आरती की लौ,
मैं अधूरी प्रार्थना की जान प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो गगनभेदी नाद,
मैं नंदी सा तुम्हें एकटक निहारता प्रिये।
तुम सावन का वो महिना बन,
झूम उठे मैं “हर हर महादेव” पुकारता प्रिये।
तुम काशी विश्वनाथ का वो आशीष,
मैं अर्पित किया गया बेलपत्र प्रिये।
तुम घाटों की संध्या, वो स्वर्णिम छटा,
मैं लहरों में उलझा कोई चित्र प्रिये।
❤8
अब समझ आ रहा है,
महादेव खुद की बनाई हुई दुनिया त्याग, इन पहाड़ों में क्यों रहते हैं..!! 🥺❤️
महादेव खुद की बनाई हुई दुनिया त्याग, इन पहाड़ों में क्यों रहते हैं..!! 🥺❤️
😭6❤3
ये झूठ है कि मोहब्बत किसी का दिल तोड़ देती हैं
इन्सान तो खुद ही टूट जाते हैं मोहब्बत करते करते💔
इन्सान तो खुद ही टूट जाते हैं मोहब्बत करते करते💔
❤2💔2
कुछ लोगों का दिल जीत लिया
आकर इस बरसात ने,
और कुछ इस सोच में डूबे हैं
की आज वो सोयेंगे कहाँ रात में ..
आकर इस बरसात ने,
और कुछ इस सोच में डूबे हैं
की आज वो सोयेंगे कहाँ रात में ..
💯4
तुम्हें नज़रंदाज करूं, मुझमें इतना गुरूर कहाँ
तुम्हें देखूं नजर भर के, मेरी आंखों में इतना नूर कहाँ...!!
तुम्हें देखूं नजर भर के, मेरी आंखों में इतना नूर कहाँ...!!
❤5🔥1
POV : तुम इतने Religious कब से हो गए ?
Me : दिल टूटा संभला फिर जाकर, कहीं दिल को सबर आया
खुशियों में सारा जहां था मेरे साथ, तकलीफों में सिर्फ मेरा खुदा नजर आया... !!
Me : दिल टूटा संभला फिर जाकर, कहीं दिल को सबर आया
खुशियों में सारा जहां था मेरे साथ, तकलीफों में सिर्फ मेरा खुदा नजर आया... !!
💔5
POV : तुम बहुत बदल गए हो..!!
Me : आइने में पहले एक चेहरा हुआ करता था मैं
ये मुझे क्या हो गया है, क्या हुआ करता था मैं
प्यास की सूरत खड़ा हूँ आज सबके सामने,
कौन मानेगा कभी दरिया हुआ करता था मैं..!!
Me : आइने में पहले एक चेहरा हुआ करता था मैं
ये मुझे क्या हो गया है, क्या हुआ करता था मैं
प्यास की सूरत खड़ा हूँ आज सबके सामने,
कौन मानेगा कभी दरिया हुआ करता था मैं..!!
😢5
तो, यहां पर फिर से वही वाली शायरी याद आती है,
कौन फिर से उठे उम्मीद लगाने को,
पागल होने को इंतेज़ार करने को
क्योंकि अब उम्मीद रखे कौन
की आसमां में वो आशाएं देखता है
तो महादेव की कसम दोबारा से खड़े हो जाए
मगर, अब स्थिति है नहीं , न जाने सुकून है नहीं
कहीं और आगे बढ़ जाने में भलाई है
मगर याद करेंगे किसी रोज़
किसी नए ब्रह्माण्ड के किसी नए कोने में
किसी और कहानी और किसी और के तुजुर्बे में,
फिर दौड़ जाएंगे किसी और कहानी की याद में ।
कौन फिर से उठे उम्मीद लगाने को,
पागल होने को इंतेज़ार करने को
क्योंकि अब उम्मीद रखे कौन
की आसमां में वो आशाएं देखता है
तो महादेव की कसम दोबारा से खड़े हो जाए
मगर, अब स्थिति है नहीं , न जाने सुकून है नहीं
कहीं और आगे बढ़ जाने में भलाई है
मगर याद करेंगे किसी रोज़
किसी नए ब्रह्माण्ड के किसी नए कोने में
किसी और कहानी और किसी और के तुजुर्बे में,
फिर दौड़ जाएंगे किसी और कहानी की याद में ।
💔4
ख़्वाब जो हक़ीक़त बन जाते हैं
उन्हें फ़िर कौन संजोता हैं....
जब तक ख़्वाब, ख़्वाब है तभी तक
हर कोई उन ख़्वाबों के लिए ही रोता है...!😒
उन्हें फ़िर कौन संजोता हैं....
जब तक ख़्वाब, ख़्वाब है तभी तक
हर कोई उन ख़्वाबों के लिए ही रोता है...!😒
❤2🔥2
Khud ko teri Yaadon ka..
Gulaam kar diya..
Tere khatir khud ko.. Badnaam kar diya.
Aur kyu saboot dun mai Apni mohabbat ka..
Mere paas ek dil tha..
Wo bhi tere naam kar diya..♥️
Gulaam kar diya..
Tere khatir khud ko.. Badnaam kar diya.
Aur kyu saboot dun mai Apni mohabbat ka..
Mere paas ek dil tha..
Wo bhi tere naam kar diya..♥️
❤4🥰1
Tere ek lafz ne hi,
Zindagi mein rang bhar diya...
Jise chhupa ke rakha tha dil mein,
Us ehsaas ko aam kar diya...
Na chahiye saboot teri wafaa ka,
Teri har khamoshi ko paigam kar diya...
Jo tha kab ka kho gaya,
Use bhi sirf tera naam kar diya.. ❤️
Zindagi mein rang bhar diya...
Jise chhupa ke rakha tha dil mein,
Us ehsaas ko aam kar diya...
Na chahiye saboot teri wafaa ka,
Teri har khamoshi ko paigam kar diya...
Jo tha kab ka kho gaya,
Use bhi sirf tera naam kar diya.. ❤️
🔥3❤1
Arz kiya hai..
har phool Gulab nhi hota,
Aksar poora harkhwaab nhi hota
zindagi bhi kr deti hai kabhi kabhi azeeb sawal
khair Jane do har sawal ka zawab nhi hota...!! 🥺❤️
har phool Gulab nhi hota,
Aksar poora harkhwaab nhi hota
zindagi bhi kr deti hai kabhi kabhi azeeb sawal
khair Jane do har sawal ka zawab nhi hota...!! 🥺❤️
🔥4👏2
प्रेम के लिए काशी से खूबसूरत क्या है ?
काशी तो वो है, जहां महादेव ने सती के प्रेम की प्रतीक्षा की थी..!!
वो काशी, जिसने 108 जन्मों तक सती को पार्वती के रूप में अवतरित होते हुए देखा था,
काशी, जहां महादेव ने सिर्फ प्रेम सिखाया नहीं बल्कि जिया भी ।।
काशी, जहां संपूर्ण महादेव का नाम पार्वती के बिना अधूरा है
तभी तो काशी में सिर्फ महादेव नहीं कहते,
कहते हैं "ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव " ❤️🔱
काशी तो वो है, जहां महादेव ने सती के प्रेम की प्रतीक्षा की थी..!!
वो काशी, जिसने 108 जन्मों तक सती को पार्वती के रूप में अवतरित होते हुए देखा था,
काशी, जहां महादेव ने सिर्फ प्रेम सिखाया नहीं बल्कि जिया भी ।।
काशी, जहां संपूर्ण महादेव का नाम पार्वती के बिना अधूरा है
तभी तो काशी में सिर्फ महादेव नहीं कहते,
कहते हैं "ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव " ❤️🔱
❤7
अपने मयार से नीचे आने से तो मैं रहा
शेर भूखा हो मगर घास खाने से रहा..!!
कर सको तो मेरी चाहत का यकीन कर लेना
अब तुम्हे चीर कर दिल दिखाने से तो रहा..!!
शेर भूखा हो मगर घास खाने से रहा..!!
कर सको तो मेरी चाहत का यकीन कर लेना
अब तुम्हे चीर कर दिल दिखाने से तो रहा..!!
🗿7❤1👏1
# अनुभव_1
तो मुझे एक चीज आज समझ में आया, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हूँ।।
जब तक आपकी उपस्थिति लोगों के बीच है और आप उनके काम आ रहे हैं तभी तक आप उनके लिए आंखों के तारे बने रहोगे, उनके मित्र सखा संबंधी बने रहोगे । जिस दिन आप वहां से उस स्थान को त्याग दोगे कोई तुम्हे भाव तक नहीं देगा न ही तुम्हें कोई कुछ पूछेगा।
मेरे दोस्त, जिंदगी इसी का नाम है तो अपने सिवा किसी से भी कोई आशा मत रखना । कहने को तो इस Genz पीढ़ी में सभी सो कॉल्ड "फ्रेंड्स" होते हैं, बहुत सी ट्रेडिंग रील गाने देखा और सुना होगा इस "मित्र" सम्बन्धी पर ।
लेकिन वहीं आप तो सबके लिए उनकी उम्मीदों को पूरा करेंगे , लेकिन जब आपकी बारी आएगी तो कोई साथ नहीं खड़ा मिलेगा । याद रखिए हमेशा, हम अकेले थे, हैं और रहेंगे । किसी के ऊपर आज के युग में भरोसा करना और फिर उससे अपनी आशाएं रखना ठीक वैसा ही है जैसे गागर में सागर भरना । जब आप उन के साथ रहोगे तो दिखावे के लिए लोग बहुत कुछ करेंगे लेकिन जैसे ही आप उनके काम के नहीं रहोगे तो वो भी आपको त्यागने में एक क्षण की भी देरी नहीं करेंगे । इसीलिए कहते हैं कि उम्मीद रखो तो केवल अपने आपसे । और ये आसपास के जितने भी "सो called फ्रेंड्स" आज के युग में हैं, ये तभी तक हैं जब तक आप इनके काम में आ रहे हो अगर विश्वास नहीं होता तो कभी मेरी लिखी हुई बातों को आज़मा लेना..!!
आज के युग में ऐसे दोस्तों का मिलना बहुत ही दुष्कर कार्य है तो इसलिए खुद को इतना मजबूत बनाओ कि, एक समय ऐसा रहे कि तुम्हें दूसरों पर निर्भर न होना पड़े और जो छोड़ कर गए हैं या एक समय पर तुम्हारे साथ थे लेकिन अब नहीं है, यही तुम्हारे साथ बात करने को तरश जाएं ।।
तो मुझे एक चीज आज समझ में आया, ये मैं अपने अनुभव से कह रहा हूँ।।
जब तक आपकी उपस्थिति लोगों के बीच है और आप उनके काम आ रहे हैं तभी तक आप उनके लिए आंखों के तारे बने रहोगे, उनके मित्र सखा संबंधी बने रहोगे । जिस दिन आप वहां से उस स्थान को त्याग दोगे कोई तुम्हे भाव तक नहीं देगा न ही तुम्हें कोई कुछ पूछेगा।
मेरे दोस्त, जिंदगी इसी का नाम है तो अपने सिवा किसी से भी कोई आशा मत रखना । कहने को तो इस Genz पीढ़ी में सभी सो कॉल्ड "फ्रेंड्स" होते हैं, बहुत सी ट्रेडिंग रील गाने देखा और सुना होगा इस "मित्र" सम्बन्धी पर ।
लेकिन वहीं आप तो सबके लिए उनकी उम्मीदों को पूरा करेंगे , लेकिन जब आपकी बारी आएगी तो कोई साथ नहीं खड़ा मिलेगा । याद रखिए हमेशा, हम अकेले थे, हैं और रहेंगे । किसी के ऊपर आज के युग में भरोसा करना और फिर उससे अपनी आशाएं रखना ठीक वैसा ही है जैसे गागर में सागर भरना । जब आप उन के साथ रहोगे तो दिखावे के लिए लोग बहुत कुछ करेंगे लेकिन जैसे ही आप उनके काम के नहीं रहोगे तो वो भी आपको त्यागने में एक क्षण की भी देरी नहीं करेंगे । इसीलिए कहते हैं कि उम्मीद रखो तो केवल अपने आपसे । और ये आसपास के जितने भी "सो called फ्रेंड्स" आज के युग में हैं, ये तभी तक हैं जब तक आप इनके काम में आ रहे हो अगर विश्वास नहीं होता तो कभी मेरी लिखी हुई बातों को आज़मा लेना..!!
आज के युग में ऐसे दोस्तों का मिलना बहुत ही दुष्कर कार्य है तो इसलिए खुद को इतना मजबूत बनाओ कि, एक समय ऐसा रहे कि तुम्हें दूसरों पर निर्भर न होना पड़े और जो छोड़ कर गए हैं या एक समय पर तुम्हारे साथ थे लेकिन अब नहीं है, यही तुम्हारे साथ बात करने को तरश जाएं ।।
❤5🫡1
# अनुभव_2
मेरे दोस्तों, ये जीवन कितना निष्ठुर है कितना कलंकित है । कभी कभी बहुत से मेरे और आप जैसे अधिकतर युवा मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करते हैं, लेकिन वे फिर भी अपने चेहरे पर सदा मुस्कुराहट लिए रहते हैं । बस उनके मन में ये आस रहती है कि, "कोई पूछे खुद से मेरा हाल", लेकिन उस समय भी आप स्वयं के ही मानसिक द्वंद्व में उलझे रहते हो, सबसे अलग रह रहे होते हो और किसी से बात करने का मन नहीं करता तो समझ जाना, ऊपर वाले का चक्र प्रारंभ हो गया है ।
मेरे भाई, यदि जरा भी आस्तिकता तुम्हारे मन के भीतर होगी, तो अपने इस मानसिक स्थिति को ग्रहण किए हुए उसी परिस्थिति में तुम स्वयं को "शिव" को समर्पित कर दो, वास्तव में बहुत कुछ बदल जाएगा । सबसे पहले वो तुम्हारे जीवन से तुम्हारे उन संबंधियों को हटाएगा जिनसे तुम एक समय पर काफी भावनात्मक रूप से जुड़े थे। क्योंकि उसे पता है कि, यही हैं जो तुम्हारे इस स्थिति के उत्तरदायी हैं । दूसरा, शिव तुम्हें तोड़ेगा और फिर तुम्हारे वहां धैर्य की परीक्षा होगी । तुम्हें अडिग रहना है, यदि परमात्मा पर जरा भी विश्वास हो तो स्वयं से ये कहना "जो कुछ ईश्वर ने रच रखा है, वही होगा..!! प्रभु मंगल भवन अमंगलहारी है। प्रभु जो भी करेंगे मंगल ही करेंगे..!!" जब तुम्हारे धैर्य की परीक्षा समाप्त होगी तो तुम्हारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा । ये संसार, जगत मिथ्या लगने लगेगा लेकिन तुम खुद को शिव को समर्पित कर देना। फिर, अब तुम्हारे मन में आएगा कि ये रिश्ते नाते, सम्बन्धी , मित्र यार ये सभी छल हैं। ये वही समय रहेगा जब तुम खुद को समय दोगे, तुम खुद से बातें करोगे और खुद को मजबूत करोगे ।
मेरे भाई, यकीन रखना "मन्नतें अधूरी होने पर ईश्वर के दर नहीं बदला करते", यकीन मानो वो शिव ही है जो तुम्हें इस कठिन परीक्षा का हिस्सा बनाया है, ताकि तुम मजबूत हो सको इस निष्ठुर जीवन के लोगों से लड़ने के लिए ।। अगर विश्वास न हो तो कभी मेरी लिखी हुई बातों को आज़मा कर देख लेना ।।
जय अवन्तिकानरेश, जय बाबा काशी विश्वनाथ..!! ❤️🔱
मेरे दोस्तों, ये जीवन कितना निष्ठुर है कितना कलंकित है । कभी कभी बहुत से मेरे और आप जैसे अधिकतर युवा मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का सामना करते हैं, लेकिन वे फिर भी अपने चेहरे पर सदा मुस्कुराहट लिए रहते हैं । बस उनके मन में ये आस रहती है कि, "कोई पूछे खुद से मेरा हाल", लेकिन उस समय भी आप स्वयं के ही मानसिक द्वंद्व में उलझे रहते हो, सबसे अलग रह रहे होते हो और किसी से बात करने का मन नहीं करता तो समझ जाना, ऊपर वाले का चक्र प्रारंभ हो गया है ।
मेरे भाई, यदि जरा भी आस्तिकता तुम्हारे मन के भीतर होगी, तो अपने इस मानसिक स्थिति को ग्रहण किए हुए उसी परिस्थिति में तुम स्वयं को "शिव" को समर्पित कर दो, वास्तव में बहुत कुछ बदल जाएगा । सबसे पहले वो तुम्हारे जीवन से तुम्हारे उन संबंधियों को हटाएगा जिनसे तुम एक समय पर काफी भावनात्मक रूप से जुड़े थे। क्योंकि उसे पता है कि, यही हैं जो तुम्हारे इस स्थिति के उत्तरदायी हैं । दूसरा, शिव तुम्हें तोड़ेगा और फिर तुम्हारे वहां धैर्य की परीक्षा होगी । तुम्हें अडिग रहना है, यदि परमात्मा पर जरा भी विश्वास हो तो स्वयं से ये कहना "जो कुछ ईश्वर ने रच रखा है, वही होगा..!! प्रभु मंगल भवन अमंगलहारी है। प्रभु जो भी करेंगे मंगल ही करेंगे..!!" जब तुम्हारे धैर्य की परीक्षा समाप्त होगी तो तुम्हारे अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा । ये संसार, जगत मिथ्या लगने लगेगा लेकिन तुम खुद को शिव को समर्पित कर देना। फिर, अब तुम्हारे मन में आएगा कि ये रिश्ते नाते, सम्बन्धी , मित्र यार ये सभी छल हैं। ये वही समय रहेगा जब तुम खुद को समय दोगे, तुम खुद से बातें करोगे और खुद को मजबूत करोगे ।
मेरे भाई, यकीन रखना "मन्नतें अधूरी होने पर ईश्वर के दर नहीं बदला करते", यकीन मानो वो शिव ही है जो तुम्हें इस कठिन परीक्षा का हिस्सा बनाया है, ताकि तुम मजबूत हो सको इस निष्ठुर जीवन के लोगों से लड़ने के लिए ।। अगर विश्वास न हो तो कभी मेरी लिखी हुई बातों को आज़मा कर देख लेना ।।
जय अवन्तिकानरेश, जय बाबा काशी विश्वनाथ..!! ❤️🔱
❤5👏1