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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 6
लगे लोग पूजने कर्ण को कुंकुम और कमल से,
रंग-भूमि भर गयी चतुर्दिक् पुलकाकुल कलकल से।
विनयपूर्ण प्रतिवन्दन में ज्यों झुका कर्ण सविशेष,
जनता विकल पुकार उठी, 'जय महाराज अंगेश।
'महाराज अंगेश!' तीर-सा लगा हृदय में जा के,
विफल क्रोध में कहा भीम ने और नहीं कुछ पा के।
'हय की झाड़े पूँछ, आज तक रहा यही तो काज,
सूत-पुत्र किस तरह चला पायेगा कोई राज?'
दुर्योधन ने कहा-'भीम ! झूठे बकबक करते हो,
कहलाते धर्मज्ञ, द्वेष का विष मन में धरते हो।
बड़े वंश से क्या होता है, खोटे हों यदि काम?
नर का गुण उज्जवल चरित्र है, नहीं वंश-धन-धान।
'सचमुच ही तो कहा कर्ण ने, तुम्हीं कौन हो, बोलो,
जनमे थे किस तरह? ज्ञात हो, तो रहस्य यह खोलो?
अपना अवगुण नहीं देखता, अजब जगत् का हाल,
निज आँखों से नहीं सुझता, सच है अपना भाल।
कृपाचार्य आ पड़े बीच में, बोले 'छिः! यह क्या है?
तुम लोगों में बची नाम को भी क्या नहीं हया है?
चलो, चलें घर को, देखो; होने को आयी शाम,
थके हुए होगे तुम सब, चाहिए तुम्हें आराम।'
रंग-भूमि से चले सभी पुरवासी मोद मनाते,
कोई कर्ण, पार्थ का कोई-गुण आपस में गाते।
सबसे अलग चले अर्जुन को लिए हुए गुरु द्रोण,
कहते हुए -'पार्थ! पहुँचा यह राहु नया फिर कौन?
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#rashmirathi
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रश्मिरथी संपूर्ण अनुक्रमणिका💠
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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 6
लगे लोग पूजने कर्ण को कुंकुम और कमल से,
रंग-भूमि भर गयी चतुर्दिक् पुलकाकुल कलकल से।
विनयपूर्ण प्रतिवन्दन में ज्यों झुका कर्ण सविशेष,
जनता विकल पुकार उठी, 'जय महाराज अंगेश।
'महाराज अंगेश!' तीर-सा लगा हृदय में जा के,
विफल क्रोध में कहा भीम ने और नहीं कुछ पा के।
'हय की झाड़े पूँछ, आज तक रहा यही तो काज,
सूत-पुत्र किस तरह चला पायेगा कोई राज?'
दुर्योधन ने कहा-'भीम ! झूठे बकबक करते हो,
कहलाते धर्मज्ञ, द्वेष का विष मन में धरते हो।
बड़े वंश से क्या होता है, खोटे हों यदि काम?
नर का गुण उज्जवल चरित्र है, नहीं वंश-धन-धान।
'सचमुच ही तो कहा कर्ण ने, तुम्हीं कौन हो, बोलो,
जनमे थे किस तरह? ज्ञात हो, तो रहस्य यह खोलो?
अपना अवगुण नहीं देखता, अजब जगत् का हाल,
निज आँखों से नहीं सुझता, सच है अपना भाल।
कृपाचार्य आ पड़े बीच में, बोले 'छिः! यह क्या है?
तुम लोगों में बची नाम को भी क्या नहीं हया है?
चलो, चलें घर को, देखो; होने को आयी शाम,
थके हुए होगे तुम सब, चाहिए तुम्हें आराम।'
रंग-भूमि से चले सभी पुरवासी मोद मनाते,
कोई कर्ण, पार्थ का कोई-गुण आपस में गाते।
सबसे अलग चले अर्जुन को लिए हुए गुरु द्रोण,
कहते हुए -'पार्थ! पहुँचा यह राहु नया फिर कौन?
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रश्मिरथी संपूर्ण अनुक्रमणिका
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❤🔥5⚡1🐳1
मैंने ही गाया है, एक बार जरूर सुनें प्लीज़ 🥺
▶︎ ●────────── 00:58
Pls🙏 🙏
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Pls
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👏4😨2
हंसते हुए चेहरे को देखकर
उसके गम का पता लगाना बड़ा मुश्किल है❤️❤️
उसके गम का पता लगाना बड़ा मुश्किल है❤️❤️
❤4
दर्द उसी इंसान को मिलता है,
जो हर रिश्ता दिल से निभाता है,
राधेकृष्णा
जो हर रिश्ता दिल से निभाता है,
राधेकृष्णा
❤7
तुम मेरी हो- ये अफवाह फैला दूं क्या
मुझसे जलने वालों को- और जला दूं क्या
मुझसे जलने वालों को- और जला दूं क्या
😍3👀3
मुमकिन ही नही किसी और से दिल लगाना तुमसे प्यार ही इतने शिद्द्त से करते है
❤3
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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 7
'जनमे नहीं जगत् में अर्जुन! कोई प्रतिबल तेरा,
टँगा रहा है एक इसी पर ध्यान आज तक मेरा।
एकलव्य से लिया अँगूठा, कढ़ी न मुख से आह,
रखा चाहता हूँ निष्कंटक बेटा! तेरी राह।
'मगर, आज जो कुछ देखा, उससे धीरज हिलता है,
मुझे कर्ण में चरम वीरता का लक्षण मिलता है।
बढ़ता गया अगर निष्कंटक यह उद्भट भट बांल,
अर्जुन! तेरे लिये कभी यह हो सकता है काल!
'सोच रहा हूँ क्या उपाय, मैं इसके साथ करूँगा,
इस प्रचंडतम धूमकेतु का कैसे तेज हरूँगा?
शिष्य बनाऊँगा न कर्ण को, यह निश्चित है बात;
रखना ध्यान विकट प्रतिभट का, पर तू भी हे तात!'
रंग-भूमि से लिये कर्ण को, कौरव शंख बजाते,
चले झूमते हुए खुशी में गाते, मौज मनाते।
कञ्चन के युग शैल-शिखर-सम सुगठित, सुघर सुवर्ण,
गलबाँही दे चले परस्पर दुर्योधन औ' कर्ण।
बड़ी तृप्ति के साथ सूर्य शीतल अस्ताचल पर से,
चूम रहे थे अंग पुत्र का स्निग्ध-सुकोमल कर से।
आज न था प्रिय उन्हें दिवस का समय सिद्ध अवसान,
विरम गया क्षण एक क्षितिज पर गति को छोड़ विमान।
और हाय, रनिवास चला वापस जब राजभवन को,
सबके पीछे चली एक विकला मसोसती मन को।
उजड़ गये हों स्वप्न कि जैसे हार गयी हो दाँव,
नहीं उठाये भी उठ पाते थे कुन्ती के पाँव।
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#rashmirathi
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रश्मिरथी / प्रथम सर्ग / भाग 7
'जनमे नहीं जगत् में अर्जुन! कोई प्रतिबल तेरा,
टँगा रहा है एक इसी पर ध्यान आज तक मेरा।
एकलव्य से लिया अँगूठा, कढ़ी न मुख से आह,
रखा चाहता हूँ निष्कंटक बेटा! तेरी राह।
'मगर, आज जो कुछ देखा, उससे धीरज हिलता है,
मुझे कर्ण में चरम वीरता का लक्षण मिलता है।
बढ़ता गया अगर निष्कंटक यह उद्भट भट बांल,
अर्जुन! तेरे लिये कभी यह हो सकता है काल!
'सोच रहा हूँ क्या उपाय, मैं इसके साथ करूँगा,
इस प्रचंडतम धूमकेतु का कैसे तेज हरूँगा?
शिष्य बनाऊँगा न कर्ण को, यह निश्चित है बात;
रखना ध्यान विकट प्रतिभट का, पर तू भी हे तात!'
रंग-भूमि से लिये कर्ण को, कौरव शंख बजाते,
चले झूमते हुए खुशी में गाते, मौज मनाते।
कञ्चन के युग शैल-शिखर-सम सुगठित, सुघर सुवर्ण,
गलबाँही दे चले परस्पर दुर्योधन औ' कर्ण।
बड़ी तृप्ति के साथ सूर्य शीतल अस्ताचल पर से,
चूम रहे थे अंग पुत्र का स्निग्ध-सुकोमल कर से।
आज न था प्रिय उन्हें दिवस का समय सिद्ध अवसान,
विरम गया क्षण एक क्षितिज पर गति को छोड़ विमान।
और हाय, रनिवास चला वापस जब राजभवन को,
सबके पीछे चली एक विकला मसोसती मन को।
उजड़ गये हों स्वप्न कि जैसे हार गयी हो दाँव,
नहीं उठाये भी उठ पाते थे कुन्ती के पाँव।
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रश्मिरथी संपूर्ण अनुक्रमणिका
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❤🔥5
उसे मेरा प्यार नजर 👀क्यू नही आता🧐 कही उसे मोतियाबिंद तो नही हो गया 🤔🥺😒
🤔5
You don't have to explain yourself. You don't have to feel guilty about choosing yourself over those who want to decide for you. You don't have to regret walking away from connections that are unhealthy for you. You are doing well and it is time to appreciate your efforts.
@inner_emotions✨
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❤🔥5
📣 Dear Members, If you see promotion links on the channel they are for the growth of the channel, "it's not part of our content" so help us by being patient and not leaving!!🙏❤️
Ek_khwaab.t.me ✨
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🤝4
Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️ pinned «📣 Dear Members, If you see promotion links on the channel they are for the growth of the channel, "it's not part of our content" so help us by being patient and not leaving!!🙏❤️ Ek_khwaab.t.me ✨»
#rashmirathi
रश्मिरथी का प्रथम सर्ग के ७ भाग पोस्ट किए जा चुके है।
अब सर्ग १ की ऑडियो फाइल जल्दी ही उपलब्ध करा दिया जायेगा
रश्मिरथी अनुक्रमणिका
शेयर & सपोर्ट करते रहिए
धन्यवाद
👀
रश्मिरथी का प्रथम सर्ग के ७ भाग पोस्ट किए जा चुके है।
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👏8🤩2🎉1
Life has taught me not to complain about others; if you want peace, change yourself.
It's easier to protect your feet with slippers than to carpet the whole world.
@Ek_khwaab❤🔥7
Audio
रश्मिरथी संपूर्ण सर्ग 1 ✨
आवाज: मनोज शुक्ला
अपलोड @ek_khwaab टेलीग्राम
रश्मिरथी अनुक्रमणिका
ज्यादा से ज्यादा मित्रो को शेयर करे 💕
#rashmirathi #audio
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🤩5❤🔥2😍2⚡1
Forwarded from ɪɴɴᴇʀ ᴇᴍᴏᴛɪᴏɴꜱ💝
Before you go to sleep tonight, I just wanted to say, I'm proud of you. I'm so so proud of you. You might not think so, but you've been doing amazing so far. You've been trying your best every day and I appreciate all that you're doing for yourself. You deserve the best. You deserve everything. So believe in it. Believe in yourself, and it'll come true.
Goodnight
ɪɴɴᴇʀ ᴇᴍᴏᴛɪᴏɴꜱ 💝 🦋.•°
Goodnight
ɪɴɴᴇʀ ᴇᴍᴏᴛɪᴏɴꜱ 💝 🦋.•°
❤🔥5😐1
किसी के ज़ख्म पर चाहत से पट्टी कौन बांधेगा
अगर ये बहनें नही होगी तो ये राखी कौन बांधेगा...😊🥰
Dedidcated to my sis ❤️
अगर ये बहनें नही होगी तो ये राखी कौन बांधेगा...😊🥰
Dedidcated to my sis ❤️
❤10
कभी अनुचित समय आता है तो कभी बुरा मत मानो, कभी कभी बुरा अवसर आपको भले इंसान से मिलवाने के लिए आता है।
राधेकृष्णा
@kanhakiradha123
राधेकृष्णा
@kanhakiradha123
❤5