जरूरी नहीं कि कुछ गलत करने से दुख मिले,
हद से ज्यादा अच्छे होने की भी कीमत चुकानी पड़ती है..!! 🥺❤️
हद से ज्यादा अच्छे होने की भी कीमत चुकानी पड़ती है..!! 🥺❤️
💔7❤1
खुला रखा है बुरा पन्ना मेरी जिंदगी के किताब का,
अब बस अच्छी हवा का इंतेजार है।।🥲🥲
अब बस अच्छी हवा का इंतेजार है।।🥲🥲
❤3
Two thing I believe for sure :
Destiny is already written, and prayers have the power to turn the tables in Miraculous ways..!! ❤️🔱
Destiny is already written, and prayers have the power to turn the tables in Miraculous ways..!! ❤️🔱
❤1👏1
Successful men have only one common thing :
They Lost their emotions at the early stage of life,
They are living with a dead heart..!! ❤️✨
They Lost their emotions at the early stage of life,
They are living with a dead heart..!! ❤️✨
❤4😱1
Maturity is when you realise that,
"Bhajan's are not boring, it's the actually therapy..!!" 🔱❤️
"Bhajan's are not boring, it's the actually therapy..!!" 🔱❤️
🥰3❤1
खुद को इस तरह से तोड़ कर बना रहा हूँ,
ताकि मुझे कोई दोबारा न तोड़ सके..!! ❤️✨
ताकि मुझे कोई दोबारा न तोड़ सके..!! ❤️✨
❤4👏1
Nothing is harder than trying to act be normal after,
Losing contact with someone who was part of your daily life..!! ❤️✨
Losing contact with someone who was part of your daily life..!! ❤️✨
❤3🔥2
कुछ जिम्मेदारियों ने बांध रखा है हमें,
वरना हम तो कब के वैरागी हुए बैठे हैं..!! ❤️✨
वरना हम तो कब के वैरागी हुए बैठे हैं..!! ❤️✨
❤5
Someone Asked, "God, if everything is already written in my destiny then why should I wish ?"
God Smiled & Said, "Maybe On Some pages I'have written as you wish..!! "
God Smiled & Said, "Maybe On Some pages I'have written as you wish..!! "
❤4
# अनुभव_4
आशा है कि आप सभी लोगों ने मेरे द्वारा लिखित उपर्युक्त 3 अनुभवों को पढ़ा होगा, यदि आपने नहीं पढ़ा है तो आप उसे ऊपर में पढ़ सकते हैं ।
आज बात करते हैं, एकांत की..!! वह एकांत जो केवल आभास किया जा सकता है, वह एकांत जिसके द्वारा आप "स्वयं" को तलाश के सकते हैं । क्या कभी सोचा है कि इस दुनिया के भागमबाग में किसी समय आपने खुद को समय दिया है ? या स्वयं का अल्पकालिक निरीक्षण किया है ? आप लोगों में से अधिकांशतः लोगों का उत्तर नकारात्मक में आएगा और ये स्वाभाविक है । लेकिन जहां तक मेरा अनुभव है तो मैं बस यही कहना चाहूंगा :
"जो जितना समझता गया दुनिया को
वह उतना ही एकांत होते चला गया..!!"
बात गहरी और स्वप्रमाणित है यदि मेरे पर विश्वास नहीं होगा तो कभी खुद आभास करके देख लेना। वे जवाब तुम्हें मिलेंगे जिनके उत्तर को तलाशने के लिए तुमने न जाने कितने दिन सोच की उधेड़बुन में बिताए होंगे, वो कई प्रश्न भी जन्म लेंगे, जिनसे तुम्हारा संबद्ध है । एकांत एक अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, और ये वरदान है स्वयं को प्राप्त करने के लिए ।
मेरे भाई, यकीन मानो कभी भी किसी व्यक्ति ने आपका दिल दुखाया हो या फिर इस संसार में आपको किसी भी प्रकार की कष्ट मिली हो आप बस एक बार खुद को एकांत के उस वातावरण में समर्पित करना और उसकी शक्तियों को महसूस करना, अगर तुम्हारे अंदर एक सकारात्मकता न नजर आई तो फिर कहना । आमतौर पर लोगों के अंदर ऐसा कृत्य करने के पश्चात एक नकारात्मक प्रारूप मस्तिष्क में निर्मित हो जाता है लेकिन उसी चीज को सकारात्मक रूप में लेकर स्वयं को सिद्ध करना वो भी उन लोगों के सामने जो तुम्हें तिरस्कृत किए थे, उसका आनंद ही कुछ और होता है..!!
इसीलिए मैं कहना चाहता हूँ, एक बार एकांत के शरण में जाओ और उसके बाद तुम वैसे नहीं रहोगे जैसे पहले थे तुम्हारे स्वभाव में परिवर्तन आने लगेगा, तुम शांत और गंभीर दिखोगे । तुम्हें ये दुनिया माया के रूप में दिखाई देगी, तुम्हारा परिचय आस्तिकता के उस महान शक्ति से होगा जिसमें अहंकार का विनाश और स्वयं का निर्माण होगा..!!
आशा है कि आप सभी लोगों ने मेरे द्वारा लिखित उपर्युक्त 3 अनुभवों को पढ़ा होगा, यदि आपने नहीं पढ़ा है तो आप उसे ऊपर में पढ़ सकते हैं ।
आज बात करते हैं, एकांत की..!! वह एकांत जो केवल आभास किया जा सकता है, वह एकांत जिसके द्वारा आप "स्वयं" को तलाश के सकते हैं । क्या कभी सोचा है कि इस दुनिया के भागमबाग में किसी समय आपने खुद को समय दिया है ? या स्वयं का अल्पकालिक निरीक्षण किया है ? आप लोगों में से अधिकांशतः लोगों का उत्तर नकारात्मक में आएगा और ये स्वाभाविक है । लेकिन जहां तक मेरा अनुभव है तो मैं बस यही कहना चाहूंगा :
"जो जितना समझता गया दुनिया को
वह उतना ही एकांत होते चला गया..!!"
बात गहरी और स्वप्रमाणित है यदि मेरे पर विश्वास नहीं होगा तो कभी खुद आभास करके देख लेना। वे जवाब तुम्हें मिलेंगे जिनके उत्तर को तलाशने के लिए तुमने न जाने कितने दिन सोच की उधेड़बुन में बिताए होंगे, वो कई प्रश्न भी जन्म लेंगे, जिनसे तुम्हारा संबद्ध है । एकांत एक अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है, और ये वरदान है स्वयं को प्राप्त करने के लिए ।
मेरे भाई, यकीन मानो कभी भी किसी व्यक्ति ने आपका दिल दुखाया हो या फिर इस संसार में आपको किसी भी प्रकार की कष्ट मिली हो आप बस एक बार खुद को एकांत के उस वातावरण में समर्पित करना और उसकी शक्तियों को महसूस करना, अगर तुम्हारे अंदर एक सकारात्मकता न नजर आई तो फिर कहना । आमतौर पर लोगों के अंदर ऐसा कृत्य करने के पश्चात एक नकारात्मक प्रारूप मस्तिष्क में निर्मित हो जाता है लेकिन उसी चीज को सकारात्मक रूप में लेकर स्वयं को सिद्ध करना वो भी उन लोगों के सामने जो तुम्हें तिरस्कृत किए थे, उसका आनंद ही कुछ और होता है..!!
इसीलिए मैं कहना चाहता हूँ, एक बार एकांत के शरण में जाओ और उसके बाद तुम वैसे नहीं रहोगे जैसे पहले थे तुम्हारे स्वभाव में परिवर्तन आने लगेगा, तुम शांत और गंभीर दिखोगे । तुम्हें ये दुनिया माया के रूप में दिखाई देगी, तुम्हारा परिचय आस्तिकता के उस महान शक्ति से होगा जिसमें अहंकार का विनाश और स्वयं का निर्माण होगा..!!
❤4
"haal puchane mat aana
ghaw bhar gaye hai.
rishton ki duhaai mat dena
jazbaat mar gaye hai.
nahi rukti zindagi
ab kisi ke jane se.
jo chale gaye zindagi se
wo dil se bhi utar gaye hai ..!!🙂👍🏻
ghaw bhar gaye hai.
rishton ki duhaai mat dena
jazbaat mar gaye hai.
nahi rukti zindagi
ab kisi ke jane se.
jo chale gaye zindagi se
wo dil se bhi utar gaye hai ..!!🙂👍🏻
🔥5👏1😢1
यादों का सफर
वो चाँद भी देखता होगा हमें अधूरा,
जब तुम्हारी यादों से, ये दिल होता है पूरा।
हवाएँ जब चलती हैं, लिए खुशबू तुम्हारी,
लगता है जैसे, तुम हो पास हमारी।
कभी आँखों में नमी सी, जब याद तुम्हारी आती,
पर फिर मुस्कुरा देता हूँ, जब तस्वीर ठहर जाती।
वो लंबी रातें, वो सुबह का इंतज़ार,
हर पल है मुश्किल, फिर भी ज़िंदा है प्यार।💔
वो चाँद भी देखता होगा हमें अधूरा,
जब तुम्हारी यादों से, ये दिल होता है पूरा।
हवाएँ जब चलती हैं, लिए खुशबू तुम्हारी,
लगता है जैसे, तुम हो पास हमारी।
कभी आँखों में नमी सी, जब याद तुम्हारी आती,
पर फिर मुस्कुरा देता हूँ, जब तस्वीर ठहर जाती।
वो लंबी रातें, वो सुबह का इंतज़ार,
हर पल है मुश्किल, फिर भी ज़िंदा है प्यार।💔
💔4
# अनुभव_5
तो मेरे काशी में निवास के दिन आज समाप्त हो गए, मन में उम्मीदों की अलख जगाए हुए मुझे आज भी याद है जब मैं, बनारस गया था और मेरे जीवन के बहुत कीमती क्षण वहां बीते । एक प्रकार से अंग्रेजी में कहें तो मैंने अपना "प्राइम टाइम" वहां व्यतीत किया । वो अस्सी घाट की शामें, वो मणिकर्णिका घाट की रातें यूं ही नहीं बार बार बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार जाना, काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन और माता अन्नपूर्णा देवी के मंदिर में भोजन का प्रसाद ग्रहण करना । ये अब भक्ति उन्माद रूपी ठिठोलियां न जाने अब कब जीवन में नसीब हों ।
बनारस ने मुझे जीना सिखाया, आज जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो मानो, महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई काशी मुझे पुकार रही हो कि, "अभी इतना जल्दी तो तू मेरी शरण में आया था, अब अभागा बनकर यहां से जा रहा है ? क्या तू भूल गया जब भी तू तनाव की स्थिति में होता था तो मेरे घाटों की गोद में दिन भर बैठा करता था, वो मैं ही हूँ जो तुझमें नास्तिकता से आस्तिकता का संचार किया"..!!
मेरे भी समझ में आगया कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है जिसे जिस शहर ने खुद बनाया वो आज उसी को छोड़ कर जा रहा है । ऐसा लगता है कि शरीर तो आगया लेकिन, आत्मा अभी भी काशी में रह गई है । और मानो, सांसों का हर कण स्वयं में उच्छृंखल होते हुए महादेव के इस शहर को पुकारते हुए केवल एक ही रट लगाए हुए कह रहा हो, "ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव" ❤️🔱
तो मेरे काशी में निवास के दिन आज समाप्त हो गए, मन में उम्मीदों की अलख जगाए हुए मुझे आज भी याद है जब मैं, बनारस गया था और मेरे जीवन के बहुत कीमती क्षण वहां बीते । एक प्रकार से अंग्रेजी में कहें तो मैंने अपना "प्राइम टाइम" वहां व्यतीत किया । वो अस्सी घाट की शामें, वो मणिकर्णिका घाट की रातें यूं ही नहीं बार बार बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दरबार जाना, काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव के दर्शन और माता अन्नपूर्णा देवी के मंदिर में भोजन का प्रसाद ग्रहण करना । ये अब भक्ति उन्माद रूपी ठिठोलियां न जाने अब कब जीवन में नसीब हों ।
बनारस ने मुझे जीना सिखाया, आज जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो मानो, महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई काशी मुझे पुकार रही हो कि, "अभी इतना जल्दी तो तू मेरी शरण में आया था, अब अभागा बनकर यहां से जा रहा है ? क्या तू भूल गया जब भी तू तनाव की स्थिति में होता था तो मेरे घाटों की गोद में दिन भर बैठा करता था, वो मैं ही हूँ जो तुझमें नास्तिकता से आस्तिकता का संचार किया"..!!
मेरे भी समझ में आगया कि कोई इतना निर्दयी कैसे हो सकता है जिसे जिस शहर ने खुद बनाया वो आज उसी को छोड़ कर जा रहा है । ऐसा लगता है कि शरीर तो आगया लेकिन, आत्मा अभी भी काशी में रह गई है । और मानो, सांसों का हर कण स्वयं में उच्छृंखल होते हुए महादेव के इस शहर को पुकारते हुए केवल एक ही रट लगाए हुए कह रहा हो, "ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव" ❤️🔱
❤5🫡1
Subah ka har pal khushiyon se bhara ho,
Dil se dua hai tumhara din pyara ho.
Muskurahat mile har mod pe tumhe,
Chaand se roshan tumhara savera ho. ☀️🤍
Dil se dua hai tumhara din pyara ho.
Muskurahat mile har mod pe tumhe,
Chaand se roshan tumhara savera ho. ☀️🤍
❤3
Subah ki kirnein laaye khushiyo ka paigam,
Chidiyaon ki chahchahat ho jaise ek meetha raag.
Nayi subah, nayi umeedein, nayi baat ho,
Aaj ka har pal tumhare liye khaas ho. ✨🌼
Chidiyaon ki chahchahat ho jaise ek meetha raag.
Nayi subah, nayi umeedein, nayi baat ho,
Aaj ka har pal tumhare liye khaas ho. ✨🌼
🔥1
# अनुभव_6
"कोई भी शहर कितना भी खूबसूरत हो, लेकिन वह बनारस नहीं हो सकता", यूं तो मैंने कई शहरों में अपने जीवन के बहुत से क्षण गुजारे, उसमें मेरा बनारस में प्रवास 3 सालों से भी अधिक का रहा । और बनारस ने मुझे वो सब कुछ दिया और सिखाया जो किसी एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यहां गंगा सी शीतलता है तो घाटों के पास बैठने पर शांति, मणिकर्णिका के पास मोक्ष है तो वहीं काशी विश्वनाथ धाम में महादेव की भक्ति..!!
काशी किसी को नहीं छोड़ती, भले से आप काशी को छोड़ दें । ये एक ऐसा शहर है जो हर किसी को अपने में आत्मसात् कर लेता है । एक रिक्शेवाला के काहो गुरु से लेकर, सड़क किनारे यातायात में फंसे लोगों का बनारसिया अंदाज में वो अल्हड़पन बहस..!! वैसे तो अब समय एक जैसा नहीं रहता, लेकिन जिस प्रकार किसी प्रियतम से उसकी प्रेयसी छीन ली जाती है वैसे ही इसे मेरा दुर्भाग्य कहूं कि मेरे से "काशी प्रवास" छीन लिया गया है । खैर, ईश्वर और बाबा काशी विश्वनाथ की कृपा, बाबा जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे..!! नहीं तो देश की राजधानी में बस जाने के बाद भी वो सुकून नहीं, यहां की हवाओं में वो फ़िज़ा नहीं है जो काशी की आबोहवा में है। वहां के हवा का एक - एक कण खुद में महादेव को पुकारता है, अगर विश्वास न हो तो किसी दिन अपनी रातों को काशी के उन घाटों पर गुजार कर देखना, काशी के 84 घाट गवाही देते हैं कि न जाने कितने लोगों के जीवन को उन्होंने स्वयं में तारते हुए देखा है । ऐसे ही नहीं हमारी काशी महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई है..!!
"काश, महादेव से यही आकांक्षा है कि कम से कम कर्मभूमि के रूप में मुझे स्वयं में काशी के अंतर्गत समाहित कर लें, क्योंकि, हर शहर बनारस जैसा खूबसूरत नहीं होता..!!"
"कोई भी शहर कितना भी खूबसूरत हो, लेकिन वह बनारस नहीं हो सकता", यूं तो मैंने कई शहरों में अपने जीवन के बहुत से क्षण गुजारे, उसमें मेरा बनारस में प्रवास 3 सालों से भी अधिक का रहा । और बनारस ने मुझे वो सब कुछ दिया और सिखाया जो किसी एक व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । यहां गंगा सी शीतलता है तो घाटों के पास बैठने पर शांति, मणिकर्णिका के पास मोक्ष है तो वहीं काशी विश्वनाथ धाम में महादेव की भक्ति..!!
काशी किसी को नहीं छोड़ती, भले से आप काशी को छोड़ दें । ये एक ऐसा शहर है जो हर किसी को अपने में आत्मसात् कर लेता है । एक रिक्शेवाला के काहो गुरु से लेकर, सड़क किनारे यातायात में फंसे लोगों का बनारसिया अंदाज में वो अल्हड़पन बहस..!! वैसे तो अब समय एक जैसा नहीं रहता, लेकिन जिस प्रकार किसी प्रियतम से उसकी प्रेयसी छीन ली जाती है वैसे ही इसे मेरा दुर्भाग्य कहूं कि मेरे से "काशी प्रवास" छीन लिया गया है । खैर, ईश्वर और बाबा काशी विश्वनाथ की कृपा, बाबा जो भी करेंगे अच्छा ही करेंगे..!! नहीं तो देश की राजधानी में बस जाने के बाद भी वो सुकून नहीं, यहां की हवाओं में वो फ़िज़ा नहीं है जो काशी की आबोहवा में है। वहां के हवा का एक - एक कण खुद में महादेव को पुकारता है, अगर विश्वास न हो तो किसी दिन अपनी रातों को काशी के उन घाटों पर गुजार कर देखना, काशी के 84 घाट गवाही देते हैं कि न जाने कितने लोगों के जीवन को उन्होंने स्वयं में तारते हुए देखा है । ऐसे ही नहीं हमारी काशी महादेव के त्रिशूल पर बसी हुई है..!!
"काश, महादेव से यही आकांक्षा है कि कम से कम कर्मभूमि के रूप में मुझे स्वयं में काशी के अंतर्गत समाहित कर लें, क्योंकि, हर शहर बनारस जैसा खूबसूरत नहीं होता..!!"
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