जो पहली दफा BHU को देखकर हुआ
वही पहली नज़र में मदहोश कर देने वाली इश्क़ हो तुम....! ❤️🩹😍
वही पहली नज़र में मदहोश कर देने वाली इश्क़ हो तुम....! ❤️🩹😍
🥰7
𝙲𝚑𝚊𝚕𝚘 𝚎𝚔 𝚋𝚊𝚊𝚛 𝚙𝚑𝚒𝚛 𝚖𝚘𝚑𝚑𝚊𝚋𝚝 𝚔𝚊𝚛𝚝𝚎 𝚑𝚊𝚒 𝚙𝚊𝚛 𝚍𝚒𝚕 𝚒𝚜𝚜 𝚋𝚊𝚊𝚛 𝚑𝚞𝚖 𝚝𝚘𝚛𝚎𝚗𝚐𝚎💔
🤡6
ऊपरवाले ___
मैंने हमेशा अपने आप को
यह दिलाशा दिया की शायद
वो मुझे मजबूत बनाना चाहता हैं
इसलिए
बार बार तोड़ता हैं
बार बार परखता हैं
मेरा सवाल उससे बस यही ही कि
क्या उसका एक बच्चा कमज़ोर रहेगा
तो उसकी बनाई गई यह दुनिया
चलेगी नही क्या
इतना मज़बूत क्यों बनाना चाहता हैं..?
मुझे कमज़ोर ही रहने दे..__
मैंने हमेशा अपने आप को
यह दिलाशा दिया की शायद
वो मुझे मजबूत बनाना चाहता हैं
इसलिए
बार बार तोड़ता हैं
बार बार परखता हैं
मेरा सवाल उससे बस यही ही कि
क्या उसका एक बच्चा कमज़ोर रहेगा
तो उसकी बनाई गई यह दुनिया
चलेगी नही क्या
इतना मज़बूत क्यों बनाना चाहता हैं..?
मुझे कमज़ोर ही रहने दे..__
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Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️ pinned «ऊपरवाले ___ मैंने हमेशा अपने आप को यह दिलाशा दिया की शायद वो मुझे मजबूत बनाना चाहता हैं इसलिए बार बार तोड़ता हैं बार बार परखता हैं मेरा सवाल उससे बस यही ही कि क्या उसका एक बच्चा कमज़ोर रहेगा तो उसकी बनाई गई यह दुनिया चलेगी नही क्या इतना मज़बूत क्यों बनाना…»
कितनी बार होता हैं न हमारे साथ
किसी की बात बहुत ज्यादा बुरी लग जाती हैं
लेकिन
हम कोच बोल ही नहीं पाते
कोई हमारी शराफत का फायदा उठाता रहता हैं
और हम
उसे कभी कुछ कह ही नहीं पाते
संकोच न जैसे
हिमोग्लोबिन मैं तैरता हैं
दूसरो की खुशियों के लिए जीने वाले हम लोग
कभी खुद की परवाह नहीं करते
ऐसे ही हैं हम यार
हमेशा दूसरो के लिए जीते आए हैं हम
और ऐसे ही जीते रहेंगे हम...।🥀💯
किसी की बात बहुत ज्यादा बुरी लग जाती हैं
लेकिन
हम कोच बोल ही नहीं पाते
कोई हमारी शराफत का फायदा उठाता रहता हैं
और हम
उसे कभी कुछ कह ही नहीं पाते
संकोच न जैसे
हिमोग्लोबिन मैं तैरता हैं
दूसरो की खुशियों के लिए जीने वाले हम लोग
कभी खुद की परवाह नहीं करते
ऐसे ही हैं हम यार
हमेशा दूसरो के लिए जीते आए हैं हम
और ऐसे ही जीते रहेंगे हम...।🥀💯
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“समूचा सिन्धु पीना चाहता हूँ,
धधक कर आज जीना चाहता हूँ,
समय को बन्द करके एक क्षण में,
चमकना चाहता हूँ मैं सघन में ।
लगे रहिए दोस्तों.....
सफलता करीब है..💐💐💐
धधक कर आज जीना चाहता हूँ,
समय को बन्द करके एक क्षण में,
चमकना चाहता हूँ मैं सघन में ।
लगे रहिए दोस्तों.....
सफलता करीब है..💐💐💐
❤5
समय अनुभव तो देता हैं,
मगर मासूमियत छीन लेता हैं!!
....💯🥀
मगर मासूमियत छीन लेता हैं!!
....💯🥀
❤6
जीत उसी के कदम चूमती है,
जो सुबह के उजाले से वाकिफ हो जाता है,
और जो चलती हवाओं से हाथ मिला लेता है,
और जो परिंदो की तरह उड़ान भरना जानता है।👍
जो सुबह के उजाले से वाकिफ हो जाता है,
और जो चलती हवाओं से हाथ मिला लेता है,
और जो परिंदो की तरह उड़ान भरना जानता है।👍
👌8
Dil kehta hai tu hai yahaan to jaata lamha tham jaaye....
Waqt ka dariya behte behte iss manzar mein jam jaaye....
Waqt ka dariya behte behte iss manzar mein jam jaaye....
❤6
रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 2
── ⋅ ⋅ ── ✩ ── ⋅ ⋅ ──
मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये।
'दो न्याय अगर तो आधा दो,पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे!
दुर्योधन वह भी दे ना सका,आशिष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है।
हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,भगवान् कुपित होकर बोले-
'जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
यह देख, गगन मुझमें लय है,यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,मुझमें लय है संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें।
'उदयाचल मेरा दीप्त भाल,भूमंडल वक्षस्थल विशाल,
भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं, मैनाक-मेरु पग मेरे हैं।
दिपते जो ग्रह नक्षत्र निकर, सब हैं मेरे मुख के अन्दर।
'दृग हों तो दृश्य अकाण्ड देख, मुझमें सारा ब्रह्माण्ड देख,
चर-अचर जीव, जग, क्षर-अक्षर, नश्वर मनुष्य सुरजाति अमर।
शत कोटि सूर्य, शत कोटि चन्द्र, शत कोटि सरित, सर, सिन्धु मन्द्र।
── ⋅ ⋅ ── ✩ ── ⋅ ⋅ ──
#rashmirathi
🔸 🔹 🔺 🔹 🔺 🔹 💠
ㅤㅤㅤㅤ
रश्मिरथी संपूर्ण अनुक्रमणिका💠
❤️ ek_khwaab.t.me ✔️
── ⋅ ⋅ ── ✩ ── ⋅ ⋅ ──
मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को,
दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये।
'दो न्याय अगर तो आधा दो,पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे!
दुर्योधन वह भी दे ना सका,आशिष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुज पर छाता है,पहले विवेक मर जाता है।
हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया,
डगमग-डगमग दिग्गज डोले,भगवान् कुपित होकर बोले-
'जंजीर बढ़ा कर साध मुझे,हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे।
यह देख, गगन मुझमें लय है,यह देख, पवन मुझमें लय है,
मुझमें विलीन झंकार सकल,मुझमें लय है संसार सकल।
अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें।
'उदयाचल मेरा दीप्त भाल,भूमंडल वक्षस्थल विशाल,
भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं, मैनाक-मेरु पग मेरे हैं।
दिपते जो ग्रह नक्षत्र निकर, सब हैं मेरे मुख के अन्दर।
'दृग हों तो दृश्य अकाण्ड देख, मुझमें सारा ब्रह्माण्ड देख,
चर-अचर जीव, जग, क्षर-अक्षर, नश्वर मनुष्य सुरजाति अमर।
शत कोटि सूर्य, शत कोटि चन्द्र, शत कोटि सरित, सर, सिन्धु मन्द्र।
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रश्मिरथी संपूर्ण अनुक्रमणिका
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Sometimes I wonder why life has to be this way,
When uh are actually trying to be happy,
All of a sudden all the miseries do surround uh!
@avi_shii || @ek_khwaab
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@avi_shii || @ek_khwaab
❤4🤯2🥰1🕊1
उलझा रहता हूं अपने ही सवालो मे
जवाबो की आस लिए बिना
जवाबो की आस लिए बिना
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मैं इश्क़ के चक्कर में इस लिए नहीं पड़ता क्योंकि!! 😅😅
लास्ट में घर वाले मानते नहीं हैं और घसीट घसीट कर मारते हैं सो अलग !! 😂😂
लास्ट में घर वाले मानते नहीं हैं और घसीट घसीट कर मारते हैं सो अलग !! 😂😂
🤣12
गर्मी शुरू हो गई है अब मोटरसाइकिल की सीट पर
बैठते ही आपको आत्मज्ञान हो जाएगा कि पेड़ लगाना क्यों जरूरी है...😂
बैठते ही आपको आत्मज्ञान हो जाएगा कि पेड़ लगाना क्यों जरूरी है...😂
🤣8