Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️
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Est. 31May,2022
!! सब अधूरा ही रह गया
ख़्वाब, ख्वाहिश, और वो सपने !!

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“Ek adat si hai,
Sab kuch theek hai kehne ki,

Ek adat si hai,
Sab kuch akele sehne ki”
🙃

#Avi
Ek_khwaab.t.me
😢10😭1
ये जिन्दगी है,,_
कभी कभी हद से ज्यादा
तकलीफ देती है..!!
😢7😭2
Sometimes loneliness creeps us like hell..
😢8😭4
मत बन खुदा किसी के वास्ते,

बस इंसान बन जा इंसान के वास्ते ।
❤‍🔥9🥰2
मन बड़ा चमत्कारी शब्द है
इसके आगे "न" लगाने से नमन हो जाता है
और पीछे "न" लगाने से मनन हो जाता है,
नमन और मनन करते चलिए जीवन सार्थक और आसान हो जाएगा....


सुप्रभात🌺🌺☕️☕️
#Happy_Morning_With_A_S
5
जिंदा लाशों की भीड़ है चारों तरफ़...







मौत से भी बड़ा हादसा है ज़िन्दगी..!!!!
😢8🤯21
Jinko jitni jarurat rahi meri..!
unko utni mohabat rahi mujhse..
💯6
एक नोटिस कर रहा हु कुछ समय से , अगर हम पोस्ट करे तो 10-15 reactions और दूसरे ऐडमिन की तो 1-5
ऐसा भेदभाव क्यू ☹️

Bataiyo jra 🤨🤭
🤩12🙏2😇1💘1
हंसते हैं पर__खुश नहीं




जी रहे पर सुकून नहीं......🍂💔
💔9😢1
चुभता तो मुझे भी है बहुत कुछ तीर की तरह,






पर फिर भी खामोश हूं मैं अपनी तकदीर की तरह...!
😢8
उलझनों और कश्मकश में
उम्मीद की ढाल लिए बैठै हैं.......




ए जिंदगी तेरी हर चाल के
लिए हम दो चाल लिए बैठे हैं......🍂
😢7
“महिलाओं को कमजोर समझना एक अपराध के समान है। यह पुरुषों द्वारा महिलाओं के प्रति अन्याय है। यदि बलशाली होने का अर्थ नैतिक रूप से बलशाली होना है, तो पुरुषों से कहीं ज्यादा श्रेष्ठ महिलाएं हैं।” – महात्मा गांधी

“दुनिया की तरक्की तब तक संभव नहीं हो सकती जब तक महिलाओं की स्थिति नहीं सुधरती। कोई भी चिड़िया एक पंख की मदद से उड़ नहीं सकती है।” – स्वामी विवेकानंद

जहाँ नारी का सम्मान नहीं होता वो समाज समाज नहीं रह जाता है ऐसी घटनाएँ सुनकर देश की माँ ,बहनों ,बेटियों के मन में क्या विचार आते होंगे सोचकर भी मन निःशब्द हो जाता है।

#ethics
#essay
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Shayari एक ख़्वाब | • EK KHWAAB ᥫ᭡ ☻️ pinned «“महिलाओं को कमजोर समझना एक अपराध के समान है। यह पुरुषों द्वारा महिलाओं के प्रति अन्याय है। यदि बलशाली होने का अर्थ नैतिक रूप से बलशाली होना है, तो पुरुषों से कहीं ज्यादा श्रेष्ठ महिलाएं हैं।” – महात्मा गांधी “दुनिया की तरक्की तब तक संभव नहीं हो सकती जब तक…»
कई प्रयासों में भी मिले नाकामी तो यही समझना ।
अगर सब कुछ कर्म होता, तो क्या नियति लिखंत होता?

देखता हूं, 'पिता' का जीवन से असंतोष , तो सोचता हूं
लांघ जाता सातों समंदर , यदि मैं हनुमंत होता।

टूट चुका हूं, भूल चुका हूं, या खो चुका हूं खुद को?
मेरी शक्तियां जगाने को, काश कोई जामवंत होता।

ये दुःख, ये पीड़ा , स्वयं पे संशय, ये रंजीदगी की रातें
काश इन दुखों का कोई तो सीमांत होता।।

मगर आज नींद से जागा हूं, तो ज़रूर कोई बात है
वरना पिछली रात ही मेरे जीवन का अंत होता ।
3
तुम जब आओगी तो खोया हुआ पाओगी मुझे...

मेरे कमरे में किताबों के सिवा कुछ भी नहीं है...

मेरे कमरे को सजाने की तमन्ना है तुम्हें...

मेरे कमरे में ख्वाबों के सिवा कुछ भी नहीं है....




तो अब तुम्हारे आने का कोई मतलब नहीं है....😢😉😁
🥰6
घमंड से अपना सर ऊंचा न करें,

जीतने वाले भी अपना गोल्ड मैडल झुक कर हांसिल करते हैं...


सुप्रभात🌺🌺☕️☕️
#Happy_Morning_With_A_S
👏43
माँ की तरह कोई और ख़्याल रखे..!
ये तो बस ख़्याल ही हो सकता है..
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